शिक्षक दिवस पर कविता I जीवन की आधारशिला | Best Teacher’s Day Poem In Hindi 2025

0 0

Last updated on January 13th, 2025 at 11:41 pm

Read Time:8 Minute, 8 Second

शिक्षक दिवस पर कविता I जीवन की आधारशिला | Best Teacher’s Day Poem In Hindi 2025

जीवन की आधारशिला
होती गुरु के हाथों में
उनके वचनों को अपनाओ
राज़ है उनकी बातें में

शिक्षक दिवस पर कविता
शिक्षक दिवस पर कविता

माता, पिता और गुरु ही
सच्चे मित्र होते हैं
इनका आदर जो ना करते
वो जीवन बाजी खोते हैं

गलती पर शिक्षक जब मारे
बुरा कभी ना मानो
वो चाहे तुम बनो मेधावी
बस अच्छा बनने की ठानो

Shikshak Divas 2025: जीवन की आधारशिला होती गुरु के हाथों में
Shikshak Divas 2025: जीवन की आधारशिला होती गुरु के हाथों में

शिक्षक हमेशा यही सिखाते
मेहनत से हर एक काम करो
मुश्किल कुछ भी नहीं दुनिया में
पढ़ लिख कर सबका नाम करो

चाहे जिस मुकाम पर जाओ पहुँच
अपने टीचर को ना जाना भूल
बनेगी इनसे ही किस्मत की रेखा
बस बनकर रहना चरणों की धूल

टीचर्स डे पर कविता
टीचर्स डे पर कविता

‘दीप’ नमन है ऐसे गुरु को
भाग्य हमारा जिन्होनें संवारा
उनकी बदौलत हैं आज कुछ हम
और हम जी रहे जीवन न्यारा

-दीपक कुमार ‘दीप'(Deepak kumar ‘deep’)

शिक्षक दिवस

भक्त कबीर दास जी ने गुरू की महत्ता को स्पष्ट करते हुए कहा है:

गुरू कुम्हार शिष्य कुम्भ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट।
अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट।

गुरू एक कुम्हार के समान होता है, जो अपने शिष्य को बहार से बिल्कुल सख़्त कड़क हो कर उसे गलतियों पर दंड भी देता है तो प्यार से बाद में समझाता भी है, ताकि उसके शिष्य को संसार में लगने वाली चोट से बचा सके, अपने शिष्य समान पुत्र का जीवन सुखमय बना सके।

उन्होंने आगे भी कहा है

यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दिऐ जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।

भावार्थ: सन्त कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष अर्थात जहर से भरा हुआ है और गुरु अमृत अर्थात असंख्य गुणों का स्वामी है (पॉजिटिव एनर्जी) की खान हैं। अगर अपना शीश अर्थात यदि शिष्य अपना सिर भी दे दें इसके बदले में, एक सच्चे गुरु के लिए, तो ये बहुत सी सस्ता और अच्छा सौदा है। इतनी महिमा एक गुरु के बारे में की गई है, गुरु का दर्ज़ा बहुत ऊँचा है।

सच्चा गुरू अपने शिष्य को हर प्रकार से नाप तौल कर जीवन जीने के साथ साथ उसे भविष्य में तैयार होने वाली चुनौतियों के लिए मज़बूत करता है. ऐसा गुरु कोई भी हो सकता है. वो माँ हो सकती है, पिता, भाई, बहन, दोस्त आदि, कोई भी हो सकता है. इसलिए मैंने आरम्भ में ही कहा सच्चा गुरू ही निःस्वार्थ भावना से अपने शिष्य को योग्य बनाता है. ऐसे गुरु के लिए कोई एक दिन निश्चित करके उन्हें सम्मान देना थोड़ा सीमित लगता है, ऐसे गुरू के लिए तो जीवन का हर श्वांस समर्पित हो तो भी कम है. शिक्षक दिवस के अवसर पर समस्त शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं।

Happy Teacher's Day Hindi Poem
Happy Teacher’s Day Hindi Poem

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

TRANSLATION INTO ENGLISH LANGUAGE

Poem on Teacher’s Day I The Foundation Stone of Life | Best Teacher’s Day Poem In Hindi 2025

The foundation stone of life
is in the hands of the teacher
Follow his words
The secret is in his words

Mother, father and teacher are the true friends

Those who do not respect them

They lose their life

When the teacher hits you for your mistake

Never feel bad

You may be a brilliant student

Just decide to be good

Teachers always teach

Do every work with hard work

Nothing is difficult in this world

Educate and make everyone famous

Whichever height you reach

Never forget your teacher

The line of your fate will be made by them

Just be the dust of their feet

‘Deep’, I bow to such a Guru

Who shaped our destiny

It is because of him that we are what we are today

And we are living a unique life

Shikshak Divas

Devotee Kabir Das Ji has explained the importance of Guru by saying:

Guru is like a potter and disciple is like a pot, he molds it and removes its flaws.

He supports from inside and hurts from outside.

Guru is like a potter, who is very strict with his disciple from outside and punishes him for his mistakes, but later explains to him with love, so that he can save his disciple from the hurts of the world and make the life of his disciple like son happy.

He has further said

This body is a creeper of poison, Guru is a mine of nectar.

Even if you give your head to get a Guru, it is considered cheap.

Meaning: Saint Kabir Das Ji says that this body is full of poison and Guru is the master of nectar i.e. innumerable virtues and a mine of positive energy. If a disciple gives his head in exchange for this, for a true Guru, then it is a very cheap and good deal. So much glory has been done about a Guru, the status of a Guru is very high.

A true Guru not only teaches his disciple to live his life after measuring it in every way but also strengthens him for the challenges of the future. Such a Guru can be anyone. It can be a mother, father, brother, sister, friend etc., anyone can be there. That is why I said in the beginning that only a true Guru makes his disciple capable with selfless spirit. To honour such a Guru by fixing a day for him seems a bit limited, even if every breath of life is dedicated for such a Guru, it is still not enough. Heartiest wishes to all the teachers on the occasion of Teacher’s Day.

आप इसे भी देख सकते हैं-

अटल बिहारी वाजपेयी जी पर कविता

Veer Bal Diwas

प्रयागराज महाकुंभ 2025

नए साल में नई उमंग हो

Happy New Year 2025 Poem

सर्दी के दिन

भगवान की चेतावनी

शिक्षा जीवन का आधार

World Music Day 21 June

Best Poem on Summer Season

Beyond Love

कार्तिक का सपना पायलट बनना

ओकायो की दृढ़ इच्छा शक्ति की सच्ची कहानी

वो ही सच्चे वीर कहलाते

ज्ञान-विज्ञान प्रश्नोत्तरी | CHAPTER-3

कैसे स्वस्थ रहें हम

मीकू बन्दर की सूझ बूझ

पंडित जी की कहानी

छठ पर्व की बेला है- बेहतरीन कविता

दीवाली पर हिन्दी कविता

गोवर्धन पूजा हिन्दी कविता

पेड़ लगाएं पर्यावरण बचाएं

वायु प्रदूषण पर हिन्दी कविता

जल प्रदूषण पर कविता

समय की ताकत

5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत

चींटी के ऊपर कविता

बसंत ऋतु पर कविता

भारत हमें जान से प्यारा

रतन टाटा पर कविता

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता

महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हिन्दी कविता

रिश्तों की अहमियत

करवा चौथ चांद की चांदनी में

एक ज़िंदा शहर हूँ मैं

About Post Author

chaturpandit.com

दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Comment