Koyal Kavita I कुहू कुहू करती कोयल

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कुहू कुहू करती कोयल
गीत मधुर ये गाती
अपनी सुरीली आवाज़ से
सबके मन भा जाती

सुन के बोली कोयल की
घर बनते मीठे पकवान
सबको ये लगती प्यारी
सब करते उसका सम्मान

koyal par kavita in hindi
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नहीं लगते पैसे कोई
मीठे बोल बोलने को
कोयल हमें यही सिखाती
बोलने से पहले तोलने को

सबसे प्यारी पक्षी कोयल
सबसे प्यारी पक्षी कोयल

सबसे प्यारी पक्षी कोयल
जहां कहीं भी जाती है
मन झूमने लगता है
‘दीप’ प्रेम जब बरसाती है

-दीपक कुमार ‘दीप’

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

chaturpandit.com

दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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