दिल में नफ़रतें तमाम हैं | Dil | Best Inspirational Ghazal 2025

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दिल में नफ़रतें तमाम हैं | Dil | Best Inspirational Ghazal 2025

दिल पर प्रेरणादायक कविता | Dil par kavita | Ghazal
दिल पर प्रेरणादायक कविता | Dil par kavita | Ghazal

दिल में नफ़रतें तमाम हैं होठों पर झूठी मुस्कान है
हैरान हूँ ये देखकर, हर दिल से दिल अनजान है।

ग़र चोट लगी किसी दिल को फायदे का सौदा नहीं,
लाख हो दौलत वाला कोई उसका बड़ा नुकसान है।

फितरत नहीं बाँटने का हुनर औरों से ग़म और ख़ुशी
तन्हा है वो जहाँ में, जिसके दिल में दबा शमशान है।

मेरा दामन भी रहा खाली, हज़ारों रहमतें पा कर भी
अमल किया नहीं बातों पर, फिर ज़िन्दगी वीरान है।

मुहब्ब्त की दुआ करते, नफ़रत दफ़्न जिनके सीने में
‘दीप’ फ़र्क नहीं उसमें वो शैतान है या कोई इंसान है।

-दीपक कुमार ‘दीप’ (Deepak kumar ‘deep’)

दिल में नफ़रतें तमाम हैं

दिल में नफ़रतें तमाम हैं होठों पर झूठी मुस्कान है
हैरान हूँ ये देखकर, हर दिल से दिल अनजान है।

TRANSLATION INTO ENGLISH LANGUAGE

There is a lot of hatred in the heart | Dil | Best Inspirational Ghazal 2025

There is a lot of hatred in the heart, there is a fake smile on the lips

I am surprised to see that the heart is unaware of every heart.

If a heart gets hurt, it is not a profitable deal,

Even if someone has lakhs of wealth, it is a big loss for him.

It is not in the nature to share sorrow and happiness with others

He is alone in this world, who has a crematorium buried in his heart.

My heart also remained empty, even after getting thousands of blessings

I did not act on the words, then life is desolate.

They pray for love, hatred is buried in their hearts

‘Deep’ there is no difference whether he is a devil or a human being

Another Ghazal

भुला के रंजिशो को पास आया करें
बेवज़ह कोई भी ख़्याल ना लाया करें।

कारवां रुक जाए ज़िंदगी का कौन जाने
बेग़र्ज़ बेशर्त काम सभी के आया करें।

ये किसकी ख़ता है इसका ज़िक्र क्यूँ
मोती अश्कों के न हरगिज़ लुटाया करें।

ग़म की लकीरों ने सूरत बिगाड़ दी है
पैसे न लगते हर वक़्त मुस्कुराया करें।

गुरूर ने ही उजाड़े हैं हँसते खेलते घर
‘दीप’ अपने गुस्से पे लगाम लगाया करें।

सद्भाव

सद्भाव, का अर्थ होता है अच्छे विचार, सहिष्णुता, एकता, और समाज के अन्य लोगों के साथ सौम्यता और प्रेमपूर्ण व्यवहार करना, ये सभ्य समाज की मजबूती का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह शब्द केवल एक शब्द मात्र नहीं है इसका भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है, क्योंकि यह केवल व्यक्तिगत संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। सद्भाव केवल एक विचार नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हर एक व्यक्ति को सकारात्मक और हर किसी के लिए एक कवच के समान सहायक बन कर जीवन जीने की प्रेरणा देती है।

समाज में प्रेम, सौहार्द अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए Harmony की बहुत ही व्यापक और गहरी भूमिका है। आज हर जगह देखिए सिर्फ और सिर्फ नफ़रत, कदूरत, भांति भांति के झगड़ों से समाज पूरी तरह से त्रस्त है, भय का हर ओर ऐसा वातावरण बना हुआ है, कोई भी व्यक्ति आज सुकून की सांस लेने में लगभग असमर्थ है। इसलिये आज इस शब्द की सबसे ज्यादा ज़रूरत मानवप्रेमियों को है, समाज के हर वर्ग को आज इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। सद्भाव न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध करता है, बल्कि यह समाज ही नहीं देश-विदेश हर जगह एकजुटता, शांति और विकास की ओर हमारा मार्गदर्शन करता है।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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