ज़ुल्म गर्मी का | कविता Oppression of heat | Best Poem on Summer Season 2025 | Grishm ritu par kavita
ज़ुल्म गर्मी का | कविता Oppression of heat | Best Poem on Summer Season 2025 | Grishm ritu par kavita तन तपता है, मन तपता हैधरती और गगन तपता हैझुलसा देने वाली गर्मी सेहाय! नदी वन ये तपता है। चेहरे को धूप सुखाती हैऔर प्यास गले सुखाती हैतड़प रहे हैं पशु और पक्षीजब -जब भी … Read more