समाचार | अख़बार | Akhbar | News | Best Poem on Samachar 2025
समाचार, अख़बार कहें या डिजिटल मीडिया का बदलता स्वरूप कहें, बहुत तेज़ी से सब कुछ बदल रहा है, अख़बार तो फिर भी 24 घंटे बाद पढ़ने को मिलता है, किन्तु आज सोशल मीडिया के टाइम पर डिजिटल रूप में हमें News पहले ही मिल जाती है…
बन कर आईना रू-ब-रू कराता हमें
जागो ग्राहक जागो ये कहता समाचार
दर्द ख़ुशी मातम महंगाई के बीच में
हर रोज़ सुबह दस्तक देता अख़बार
चाय नाश्ते के साथ-साथ सफर पर
निकल पड़ते देखने देश की दुर्दशा
बलात्कार अश्लीलता हिंसा नरसंहार
राजनीति लूट ग़रीबी अमीरी व नशा
कभी ख़ामोशी कभी उदासी की धुन
बजती देख समाज का घिनौना रूप
गहरी चिन्ता संवेदना प्रकट कर पल
में ही भूल जाते रात अंधेरी काली धूप
कच्ची पक्की चटपटी मसालेदार खबरें
हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा बन गई हैं
दुकान बस ट्रेन कालेज दफ्तरों में मजे
से सुनने सुनाने का किस्सा बन गई हैं
इतना पढ़ कर देख सुन कर भी लोग
क्यूँ नही समझ रहे ये चिंताजनक है
फिल्म मीडिया अख़बार परोस रहा है
ना जाने क्या कुछ यह कैसी सनक है
जिधर देखो उधर बस रेस लगी हुई है
खुद को उँचा और बेहतर मनवाने की
बिखर रहे है फूल इस चमन के आज
ज़रूरत है इसे चुन चुन कर सजाने की
सच कहूँ तो नफरत सी हो गई है ‘दीप’
हर एक पन्ने देखकर इस अख़बार के
रूह कांप जाती हृदय शून्य हो जाता
ऐसे रूप है आजकल ये समाचार के
-दीपक कुमार ‘दीप’ (Deepak kumar ‘deep’)
समाचार
समाचार, अख़बार कहें या डिजिटल मीडिया का बदलता स्वरूप कहें, बहुत तेज़ी से सब कुछ बदल रहा है, अख़बार तो फिर भी 24 घंटे बाद पढ़ने को मिलता है, किन्तु आज सोशल मीडिया के टाइम पर डिजिटल रूप में हमें News पहले ही मिल जाती है। न्यूज़ को दिखने बताने या हर जगह ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में हमारी आत्मा भी पढ़, सुन और देख कर मर चुकी है, वो ख़बर में कितनी सच्चाई है या नहीं ही पता नहीं पर सबसे पहले मैं उसे लोगों तक पहुँचा दूँ इससे मेरा चैनल, मेरा अखबार, मेरा मीडिया सबसे ज्यादा TRP गेन कर लेगा।
Translation Into English Language
Newspaper | Akhbar | News | Best Poem on Samachar 2025
Whether it is newspaper or the changing form of digital media, everything is changing very fast, even then we get to read newspaper after 24 hours, but today in the time of social media, we get news in digital form beforehand…
Becoming a mirror, it makes us face to face
Wake up customer, wake up, this is what the news says
In the midst of pain, happiness, mourning, inflation
The newspaper knocks every morning
Along with tea and breakfast, we set out on a journey
To see the plight of the country
Rape, obscenity, violence, massacre
Politics, loot, poverty, wealth and intoxication
Sometimes silence, sometimes the tune of sadness
Seeing the disgusting form of society playing
Expressing deep concern and sympathy,
we forget the dark night and the black sun in a moment
Rough and cooked spicy news
Has become a part of our life
It has become a story to be heard and narrated
with fun in shops, buses, trains, colleges, offices
After reading so much Even after seeing and hearing,
why are people not understanding this? This is worrying.
Film media is serving newspapers. Don’t know
What kind of madness is this?
Wherever you look, there is a race to
prove oneself superior and better.
The flowers of this garden are falling apart today.
There is a need to pick them and decorate them.
To tell you the truth, I have started hating ‘Deep’.
Seeing each page of this newspaper, the soul
trembles and the heart become empty.
Such is the form of news these days.
News
Be it news, newspaper or the changing form of digital media, everything is changing very fast, newspaper is still available to read after 24 hours, but today in the time of social media, we get news in digital form beforehand. In the process of showing and telling the news or breaking news everywhere, our soul has also died by reading, hearing and seeing it, we don’t know how much truth is there in that news or not, but first of all if I convey it to the people, my channel, my newspaper, my media will gain the maximum TRP.
-प्रिय पाठकों से निवेदन
आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।
-Request to dear readers
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