मर्यादा में रह कर ही ये जीवन खुशहाल बनेगा | Maryada | Ultimate Kavita on Limits 2025

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मर्यादा में रह कर ही ये जीवन खुशहाल बनेगा | Maryada | Ultimate Kavita on Limits 2025

मर्यादा धारण करके ही श्रीराम पुरुषोत्तम कहाए
मर्यादा धारण करके ही श्रीराम पुरुषोत्तम कहाए

मर्यादा में रह कर ही ये
जीवन खुशहाल बनेगा
मर्यादा जो तोड़ी अगर
राजा भी कंगाल बनेगा

मर्यादा धारण करके ही
श्रीराम पुरुषोत्तम कहाए
दुर्योधन ने लांघ मर्यादा
अपने भाई बंधु मरवाए

नदी बहे जो सीमा में शीतल जल पिलाती है सीमाएं लांघी ये नदियां बाढ़ से तबाही लाती है
नदी बहे जो सीमा में शीतल जल पिलाती है सीमाएं लांघी ये नदियां बाढ़ से तबाही लाती है

नदी बहे जो सीमा में
शीतल जल पिलाती है
सीमाएं लांघी ये नदियां
बाढ़ से तबाही लाती है

हद में हर परिवार यदि
रिश्ते दिल से निभाएगा
भाई भाई की ढाल बने
कोई बिखर ना पाएगा

योग्य शिक्षक से शिक्षा
ले शिष्य विद्वान बनेगा
अच्छे कर्मों से अपने वो
सुंदर एक इंसान बनेगा

फर्ज़ त्याग को समझा
पति पत्नी में प्रेम बढ़ेगा
बच्चे बेसहारा ना होंगे
विवाह विच्छेद घटेगा

मर्यादा तोड़ कोई आदमी
सुख चैन नहीं पा सकता
स्वार्थ की बुनियाद पे वो
ना अच्छे घर बना सकता

स्त्री पिता पुत्र बच्चे यदि
सीमाओं में जीवन रखेंगे
हर घर स्वर्ग बन जाएगा
जहां देवता निवास करेंगे

-दीपक कुमार ‘दीप’ (Deepak kumar ‘deep’)

मर्यादा

TRANSLATION INTO ENGLISH LANGUAGE

Only by living within limits will this life become prosperous

If limits are broken even a king will become poor

The river that flows within limits gives cool water

These rivers that cross their limits bring destruction through floods

If the family follows limits with all its heart

Brothers become a shield for each other

No one will be able to break up

If the student takes education from a capable teacher he will become a scholar

By doing good deeds he will become a beautiful human being

Understanding the duty of sacrifice

Love between husband and wife will increase

Children will not be left helpless

Divorces will decrease

Only by following limits is Shri Ram called Purushottam

Duryodhan crossed limits and got his brothers killed

By breaking limits no man can find peace

He cannot build a good house on the foundation of selfishness

If the wife, father, son and children

Keep limits in life every house will become heaven

Where gods will reside

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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