Last updated on October 30th, 2024 at 12:44 pm
दिवाली पर्व का बहुत खास है
ले लाती खुशहाली चारों ओर
क्यों मनाते दिवाली हम सब
आओ इस पर कर लें ये गौर।
राम प्रभु जब वन से आये
अयोध्यावासी ख़ुशी मनाये
सजी अयोध्या दुल्हन जैसी
सभी ने घर में दिये जलाये।
तब से मना रहा हर कोई
दिवाली के इस त्योहार को
जीत हुई है सच की हरदम
संदेश है ये सारे संसार को।
हैं थाल सजे हुए दीपों से
हाथों में है फूलों की माला
दीप से दीप जले चहुं ओर
दूर अंधेरा फैला उजाला।
रंग-बिरंगी लड़ियों से ही
सजा हुआ है हर एक आंगन
मैं नहीं कहता कहते हैं सारे
पर्व है कितना ये मनभावन।
आकाश पटाखों से चमक उठा
धरती पर भी लालिमा बिखरी है
हर ओर मंगल ही मंगल लगता
ऐसे जैसे कि सारी काशी नगरी है।
मिलकर खाओ खिलाओ खूब
हर दिल से दिल को गले लगायें
‘दीप’ शुभकामनाएं सबको मेरी
बड़े प्रेम से दिवाली त्योहार मनायें।
-दीपक कुमार ‘दीप’
सारांश
दिवाली क्या है, इसे क्यों मनाते हैं?
भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक दीपावली, जिसे दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से हिंदू धर्म से सम्बन्धित है, लेकिन अन्य धर्मों के लोग भी इसे उत्साहपूर्वक मनाते हैं। दीपावली का अर्थ है “दीपों की पंक्ति“, यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है।
दिवाली का ऐतिहासिक महत्व
भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब उन्होंने रावण का वध कर 14 वर्षों का वनवास समाप्त किया। इसी दिन अयोध्यावासियों ने खुशी से दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
इसके अलावा, यह पर्व मां लक्ष्मी के पूजन के लिए भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में सुख, समृद्धि, और धन का संचार करती हैं।
दिवाली से पहले, लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और उन्हें सजाते हैं। घरों को रंग-बिरंगे लाइट्स, फूल, और रंगोली से सजाया जाता है। महिलाएं विशेष पकवान बनाती हैं। बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ जाती है, जहां लोग नए कपड़े और मिठाइयाँ खरीदते हैं।
दिवाली की रात, परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं। पूजा के लिए एक थाल सजाया जाता है, जिसमें दीपक, मिठाई, फल, और फूल होते हैं। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, उसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद, दीप जलाए जाते हैं और घर में खुशी का वातावरण बन जाता है।
दिवाली सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बांटते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, और परिवार के साथ समय बिताते हैं। यह पर्व समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
निष्कर्ष
दीपावली का पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का, बुराई पर अच्छाई की विजय का और समृद्धि की कामना का प्रतीक है। यह पर्व न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि समाज में भी एकता और भाईचारे का संदेश देता है। इसे मनाते समय हम न केवल अपने घरों को रोशन करते हैं, बल्कि अपने दिलों को भी प्रेम और खुशी से भरते हैं। दीपावली का यह त्योहार हमें सकारात्मकता, समर्पण, और एकता की भावना से भर देता है।
-प्रिय पाठकों से निवेदन
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Very nice deepak ji keep it up such a nice poetry & very impressive also.
Thank you so much 🙏
A superlative effort.
Thank you so much 🙏