इंद्रधनुष सी रंगों वाली…
सुन्दर सुन्दर कोमल पंख
ऊँची ऊँची उड़ान तुम्हारी
फूल-फूल कली-कली में
तितली रानी जान तुम्हारी
रंग-बिरंगी लाल व पीली
बच्चे बूढ़े सभी को प्यारी
हाथ लगाते उड़ जाती है
सैर कराती नभ की सारी
इतराती खूब इठलाती है
इंद्रधनुष सी लगती न्यारी
रंग चुरा कर फूलों से वो
बन जाती है राजकुमारी
हवा से बातें करती जैसे
गाये कोई वो राग मल्हारी
‘दीप’ खुश हो जाता देख
प्रभु की अद्भुत चित्रकारी’
-दीपक कुमार ‘दीप’
-प्रिय पाठकों से निवेदन
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