जागो बच्चों हुआ सवेरा

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जागो बच्चों हुआ सवेरा
आलस में ना समय गवाँओ
उठ कर जल्दी सुबह सवेरे
सारे सुख सहज ही पाओ

जागो बच्चों हुआ सवेरा
जागो बच्चों हुआ सवेरा

सुबह जो जल्दी उठता है
स्वस्थ वो हरदम रहता है
आलस जो भी करता है वो
खुद को दुःख से भरता है

सुबह उठ व्यायाम करो
अधूरे सारे काम करो
परिश्रम से जब थक जाओ
थोड़ी देर आराम करो

Hua Savera
Hua Savera

ज्ञान का दीपक जला कर
दूर करो अज्ञान अंधेरा
‘दीप’ सबसे यही है कहता
जागो जागो हुआ सवेरा

-दीपक कुमार ‘दीप’

भावार्थ:-

अच्छी आदतें मनुष्य के जीवन को हमेशा तरोताज़ा रखती हैं, ये कविता बच्चों में उन्हीं आदतों को विकसित करने के लिए है।

हर सुबह एक नई उम्मीद और ऊर्जा लेकर आती है, सूरज की पहली किरण जब धरती के अलग अलग हिस्सों पर पड़ती हैं, तो एक नए दिन का आरम्भ होता है। यह समय बच्चों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। “जागो बच्चों, हुआ सवेरा” केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि एक संदेश है, जो हमें याद दिलाता है कि हर दिन एक नई शुरुआत का अवसर होता है।

हमारे बच्चे हमारे आने वाले कल का सुनहरा भविष्य हैं। सुबह का समय बच्चों को सही दिशा में प्रेरित करने का एक बेहतरीन अवसर है। जो बच्चे सुबह जल्दी उठते हैं, वे ताजगी से भरे हुए होते हैं, जो उन्हें पूरे दिन सकारात्मक सोच रखने में मदद करते हैं। बच्चों का विकास, शिक्षा और मानसिकता इस बात पर भी निर्भर करती है कि, हम उन्हें कैसे मार्गदर्शन देते हैं। सुबह का समय प्रत्येक कार्य के लिए अच्छा होता है नियमित सुबह की पढ़ाई से बच्चों में अनुशासन और समय प्रबंधन की भावना विकसित होती है।अध्ययन, एकाग्रता करने से बच्चों की मानसिक स्थिति में सुधार होता है, जिससे उनकी याददाश्त और समझने की क्षमता विकसित होती है। व्यायाम या खेल, बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है, इससे न केवल शारीरिक ताकत बढ़ती है अपितु बच्चों में टीम वर्क की भावना विकसित होती है।

Hua savera kavita hindi
Hua savera kavita hindi

“जागो बच्चों, हुआ सवेरा” ये गुण बच्चों को प्रकृति के साथ संबंध स्थापित करता है। उन्हें प्रकृति के करीब लाता है और उनके मन में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करता है। जब बच्चे पेड़-पौधों, फूलों और पशु-पक्षियों को देखेंगे, तो उन्हें प्रकृति की खूबसूरती का अहसास होगा, जो उन्हें उसकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करेगा।

“जागो बच्चों, हुआ सवेरा” का संदेश हमें यह याद दिलाता है कि प्रत्येक सुबह को एक नई शुरुआत के साथ साथ सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। बच्चों को चाहिए कि वे अपने लक्ष्यों को निर्धारित करें और उनके प्रति समर्पित रहें। एक उज्जवल भविष्य उनके हाथों में है, बस उन्हें जागरूक होने की आवश्यकता है।

Jago bachchon hua savera
Jago bachchon hua savera

इसलिए, उठिए, जागिए और नए सवेरे का स्वागत कीजिए। हर सुबह नई उम्मीदें लेकर आती है। बच्चों , ये समय है अपने सपनों को साकार करने का!

बच्चों आप चाहे कोई भी कार्य करें, उसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, ये आदतें आपको उसी सुनहरे सपनों को पूरा करने की ओर ले जाने वाले कदम हैं, जिस पर चल कर आप अपनी उड़ान आकाश में तय कर सकेंगे।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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