बुजुर्गों की कंपकंपाती आवाज़ से | An Emotion

बुजुर्गों की कंपकंपाती हड्डियों से

बुजुर्गों की कंपकंपाती आवाज़ सेआज की पीढ़ियां हिसाब मांगती हैआजीवन अनन्त कर्तव्यों की एकठोस मुकम्मल किताब मांगती हैं तौर तरीकों से लेकर हर लम्हें कीबेटे सफाईयां किस कदर दूँ तुम्हेंआज भी तेरी इस नादानी परजी चाहता मोतियों से भर दूँ तुम्हें तेरी परवरिश में सब कुछ गंवायातेरा हर कदम पर साया बनकरखड़ा रहा अटल लाखों … Read more