मन के घाव | Man Ke Ghav | Best Hindi Poem 2025

मन के घाव | Man Ke Ghav | Best Hindi Poem 2025

मन के घाव | Man Ke Ghav | Best Hindi Poem 2025 जुबां तीखी तेज़ तलवार का वारभर न पाए ऐसा दे गया मन को घाववैराग्य ले लिया खुद आँसुओं नेशोक की लहर में डूबी खुशी की नाव अंदर ही अंदर कचोटता रहता है मनशब्दों के आघात से पत्थर से दिल परसुकून मरहम की तलाश … Read more