प्रदूषण से ख़तरे में संसार | Pollution Kavita

pollution par kavita poem

प्रदूषण से ख़तरे में संसारजल थल व नभ के प्राणीसिलसिला ये है नया नहींसमस्या ये है बहुत पुरानी कूड़े में प्लास्टिक का ढेरये खुली मौत को दावत हैप्लास्टिक प्रदूषण फैलातीजो सुरक्षा चक्र में बाधक है पशु पक्षियों पर गहरा संकटमछलियाँ तड़प कर मर रही पानी पीने वाली नदियों में प्लास्टिक और गंदगी तैर रही सड़कें … Read more