बसंत ऋतु I Basant Ritu Poem In Hindi

basant ritu poem

मन में हरियाली सी आईफूलों ने जब गंध उड़ाईभागी ठंडी देर सवेरअब ऋतू बसंत है आई। कोयल गाती कुहू कुहूभंवरे करते हैं गुंजाररंग बिरंगी रंगों वालीतितलियों की मौज बहार। बाग़ में है चिड़ियों का शोरनाच रहा जंगल में मोरनाचे गायें हम जितना परदिल मांगे ‘Once More’। होंठों पर मुस्कान सजाकरमस्ती में रस प्रेम का घोले‘दीप’ … Read more