आओ दिल की ज़मीन पर इक घर बनाते हैं
आओ दिल की ज़मीन पर इक घर बनाते हैंप्यार के मीठे रंगों से अपना आंगन सजाते हैं। तिनका तिनका बिखर रहे जो मोती रिश्तों केवक्त को वक्त देकर होठों पर मुस्कान लाते हैं। जन्नत कहीं और नहीं ना बादलों से परे है वोज़िंदगी में बस थोड़ी सी मानवता अपनाते हैं। वजूद खोखले हुए नफ़रत ने … Read more