कैसे बनाएं रिश्ते | Ghazal | Best Hindi Poetry
बुलंद हैं इरादे, दुश्मनी के आज कैसे बनाएं रिश्ते, दोस्ती के आज। हिंसा हवस में, है भूख दौलत की मक़सद बने हैं, जिंदगी के आज। सूरत मिली सीरत नहीं अफ़सोसये सलीक़ा नहीं है बंदगी के आज। शक्ल सूरत में मानवता नहीं बसीपरिभाषा है नहीं आदमी के आज। नफरत भरे दिल में, ‘दीप’ न जला ना … Read more