चींटी के ऊपर कविता I Cheenti Poem
अनुशासन की ब्रांड अम्बेस्डर होती हैं ये चीटियां कभी न थकती चलती रहतीबेशक नन्हीं सी जान है वोहार न मानो संघर्ष करोइस मंत्र की पहचान है वो निरन्तर अपने दल के संगलम्बी लम्बी कतारें बनातीखाने की मीठी चीजों कोपल भर में चट कर जाती मिलजुल कर रहती हैं वोग़र कोई मुसीबत आतीहोकर संगठित श्रम करतीऔर … Read more