Rishta Behad Atoot Tha I Hindi Inspirational Poem I रिश्तों की अहमियत

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माना रिश्ते में फूट था पर रिश्ता बेहद अटूट था
जो देखा नहीं वो सच लगा जो समझा झूठ था ।

अब किसे बुरा कहें और इल्जाम भी किसे दें हम
सभी दोषी थे कोई ज्यादा था तो कोई थोड़ा कम ।

शिकायत है मुझे ख़ुद से पर गौर कभी किया नहीं
जीना चाहा था जैसे हमने वैसे कभी जीया नहीं ।

आग लगती रही खामोशी से सब कुछ सुनता रहा
चीखों में अपने ही दुःख दर्द की मैं चादर बुनता रहा ।

Rishte Par kavita
Rishte Par kavita

सोचा समस्या हरगिज मेरी नहीं बात बहुत पुरानी है
कोरे सपने सच होते नहीं यही ज़िंदगी की कहानी है ।

खड़े हुए ऐब मेरे सीना ताने रिश्तों में अपने बन कर
निभाना था जिसे प्रेम से बनाया उसे नफ़रत का मंज़र ।

आहिस्ता आहिस्ता ये कड़वे फासले बढ़ते चले गए
कैद हुए फैसले घुटन में ख़्वाब वो हम गढ़ते चले गए ।

आख़िर एक दिन बंधन की वो ही डोर सुहानी टूट गई
जिनके लिए लड़ते थे वो एहसास बहुत पीछे छूट गई ।

कड़वे फासले बढ़ते चले गए
कड़वे फासले बढ़ते चले गए

सारे रिश्ते होते हुए भी अकेले भीड़ में खड़े हम रह गए
झुकेंगे ना कभी इस जिद्द में नफ़रत की आंधी में बह गए ।

काश सोचा होता कभी कि क्यूं ये फासले की दीवार है
खामियां ख़ुद में थी इसलिए आज अलगाव है तकरार है ।

-दीपक कुमार ‘दीप’

रिश्ते चाहे वो खून के हों या फिर कोई ऐसा जिससे दूर रहना या हो जाना हमें भारी लगता है, हमारे जीवन को फीका कर देता है, ये दोनों ही हमारे जीवन का बेहद अटूट हिस्सा होते हैं। जो ना केवल हमें भावनात्मक समर्थन देते हैं, बल्कि सामाजिक जीवन का भी आधार बनते हैं। रिश्ते ही हमें जीवन के हर लम्हें का अहसास कराते हैं, एक-दूसरे के साथ जोड़ते हैं और हमारे जीवन में सुख और दुःख को साझा करने का अवसर प्रदान करते हैं।

बदलते रिश्ते पर कविता
बदलते रिश्ते पर कविता

बदलते वक़्त के साथ साथ आज रिश्तों में भी कड़वाहट आई है, संकुचित विचारों के कारण दूरियां बढ़ रही है। परिवार, दोस्त, और साथी भी बिखर रहे हैं, स्वार्थ की बुनियाद पर टिका हुआ हर पल ऐसे बीत रहा है जिसे बीतता हुआ कोई देखना नहीं चाहता। छोटी-छोटी खुशियों में आनंद खोज लेने वाले ये वही रिश्ते होते हैं जो मुसीबत के वक़्त हमें सबसे ज्यादा याद आते हैं। आज इनकी परिभाषा बदल गई है “छोटा परिवार सुखी परिवार” जैसे नारों को बदलते दौर ने सत्य करके दिखलाना शुरू भी कर दिया है।

अक्सर ऐसा देखने को मिलता है, झूठ की जिन बुनियादों का सहारा लेकर घरों में आपसी कलह होते हैं, उसमें ज्यादातर बिना वजह की बातें होती हैं, जिन्हें आसानी से दूर किया जा सकता है, परन्तु सच्ची बातों को पेश ना करके झूठी बातों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया जाता है। जिससे सामने वाला भड़क उठता है और उसकी जिसके बारे में बात हो रही होती है, उसे लेकर हमारी राय बदल जाती है। धीरे धीरे यहीं से आपसी कड़वाहट शुरू हो जाती है। बोल चाल धीरे धीरे कम होने लगती है, एक वक़्त ऐसा भी आता है जब कोई दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करता और ये सब कुछ होता है ग़लतफ़हमी की वजह से।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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2 thoughts on “Rishta Behad Atoot Tha I Hindi Inspirational Poem I रिश्तों की अहमियत

  1. बहुत ही भाव पूर्ण काव्य रचना है, आज के माहौल का सजीव चित्रण किया है l शब्दों का चयन भी नपा तुला है जिससे कविता सभी उम्र के पाठको के लिए सुगम और सहज है l बहुत बहुत बधाई l

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