"सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते "
ऐसा कहने वाले डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के जन्म दिन पर पढ़िए मेरी कविता…
दिखने में थे सरल बड़े पर थे अद्भुत उनके विचार
राष्ट्रनायक डॉ. कलाम को जग कर रहा नमस्कार
अंधेरों में बन कर उजाला वो काम देश के आए
नित्य नए खोज करके सारी दुनिया को दिखलाए।
मिला उसे उतना केवल जितना जो इंतजार किया
कोशिश करने वाले देते छोड़ ये व्यक्त विचार किया
नामुमकिन नहीं कुछ भी लक्ष्य हृदय में यदि प्रबल हो
चमकेगा वो हीरा बन कर अमीर हो या फिर निर्बल हो।
इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक बनकर रचे कीर्तिमान
सपनों को सच करके उन्होंने छू लिए सारा आसमान
पोखरण परीक्षण कर परमाणु का भारत को दी शक्ति
देश ताकतवर बना थी उनकी सोच व कूटनीति युक्ति
मिसाइल मैन ऑफ इंडिया रक्षा क्षेत्र में है नाम बड़ा
अग्नि और आकाश मिसाइल रक्षा में है आज खड़ा
बच्चे, बूढ़े, युवा हर पीढ़ी का उनसे गहरा नाता था
जिसे लालसा सुझाव की वो ज्ञान भी उनसे पाता था
बन कर भारत के राष्ट्रपति की देश की सेवा भरपूर
सादा जीवन जीते थे न था कोई उनकी पहुंच से दूर
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम गौरव थे इस देश का
ले सकें शिक्षा ‘दीप’ तभी सफल है कविता संदेश का
-दीपक कुमार ‘दीप’
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम: एक प्रेरणास्त्रोत
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारतीय गणराज्य के 11वें राष्ट्रपति रहे और उन्हें “जनता के राष्ट्रपति” के रूप में जाना जाता है। उनका जीवन, उनकी उपलब्धियाँ और उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन था, जो एक नाविक थे, और माता का नाम आशियम्मा था, जो एक गृहिणी थीं।
डॉ. कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम में प्राप्त की और फिर उच्च शिक्षा के लिए मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। वे एक साधारण विद्यार्थी थे, लेकिन उनकी जिज्ञासा और मेहनत ने उन्हें एक सफल इंजीनियर और वैज्ञानिक बना दिया। अपनी पढ़ाई के दौरान, उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
डॉ. कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में काम किया। उन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारतीय मिसाइल कार्यक्रम को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, भारत ने कई सफल मिसाइलों का परीक्षण किया, जिसमें अग्नि और पृथ्वी मिसाइल शामिल हैं।
डॉ. कलाम का सपना था कि भारत एक विकसित देश बने। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करने के लिए “विजन 2020” की योजना तैयार की, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनना चाहिए। उन्होंने कहा, “सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
2002 में, उन्हें भारत का राष्ट्रपति चुना गया। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राष्ट्र के युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने हमेशा शिक्षा और वैज्ञानिक सोच पर जोर दिया। उनके विचारों ने देश के छात्रों में एक नई ऊर्जा और उत्साह भरी।
डॉ. कलाम का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि एक अच्छा इंसान बनाना भी है। उन्होंने अपने जीवन में हमेशा सरलता और विनम्रता को महत्व दिया। उनके कार्य और विचार आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
उनकी आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है। इस पुस्तक में उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों, संघर्षों और सफलताओं को साझा किया है।
डॉ. कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में हुआ, लेकिन उनके विचार और शिक्षाएं आज भी लोगों को प्रेरित कर रही हैं। उन्हें न केवल एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रूप में बल्कि एक शिक्षक और मार्गदर्शक के रूप में याद किया जाता है।
उनका जीवन हमें सिखाता है कि मेहनत, लगन और समर्पण से हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का नाम भारतीय इतिहास में हमेशा अमिट रहेगा, और वे हमेशा युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।
-प्रिय पाठकों से निवेदन
आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।
आप इसे भी देख सकते हैं-
5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत
Average Rating