5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत | criticism shayari in hindi

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Last updated on November 16th, 2024 at 10:41 pm

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अजीब इत्तेफ़ाक़ है 

जिस शख़्स का ख़्याल
दिल के आईने में दिखाई देता है
शिकायतों की लड़ियां
गुफ़्तगू सन्नाटे में सुनाई देता है

दहलीज़ गवाही दे रहा
पाज़ेब की थिरकती मुस्कान पर
गुज़ार दी हैं सदियाँ लम्हों की
अरमां हैं आज भी आसमान पर

 

criticism shayari in hindi
criticism shayari in hindi

अजीब इत्तेफ़ाक़ है।।

अंधेरे को चीरता हुआ चाँद
चिराग़ हाथों में लेकर निकल पड़ा
मशरूफ़ था ज़िन्दगी की जंग में
चंद क़ाबलियत से भीड़ में चल पड़ा

अनदेखा करता रहा खुशियों में
बरसने वाली बारिश की ख़नक को
कांच संभालता रहा बड़े अदब से
भुलाकर अनमोल हीरे की चमक को

5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत criticism shayari in hindi
5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत criticism shayari in hindi

अजीब इत्तेफ़ाक़ है।।

शाख़ पर बैठे उन परिंदों की तड़प
करवट लेते शाम का आगाज़
धुंधली उम्मीदों के साए में छिपकर
सुनहली सुबह फिर उड़ने का अंदाज़

ज़मी पर लहराते हुए सितारों को
बड़े शौक़ से समाते हुए देखा है
तुम रूह में बसे हो इस कदर मेरे
जुगनू जैसे ख़्वाबों में आते हुए देखा है

अजीब इत्तेफ़ाक़ है।।

दीपक कुमार ‘दीप’

कठिन शब्द-

गुफ़्तगू– बातचीत, सन्नाटे– एकांत, दहलीज़– चौखट, मशरूफ़– व्यस्त

कविता का सारांश | criticism shayari in hindi 

उपरोक्त कविता का सारांश ये है कि, हम सभी लोग पूरी ज़िन्दगी को गिले शिकवों में ज़्यादा और खुशियों में कमी करके गुजार देते हैं, ख़ुश हो कर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। हम जिसके ऊपर भी भरोसा करते हैं विश्वास करते हैं उनको साथ लेकर हर एक क्षेत्र में अपने कार्य को उसके उच्तम शिखर तक पहुंचाने का अनवरत प्रयास करना चाहिए।

जिस शख़्स का ख़्याल
दिल के आईने में दिखाई देता है
शिकायतों की लड़ियां
गुफ़्तगू सन्नाटे में सुनाई देता है

दहलीज़ गवाही दे रहा
पाज़ेब की थिरकती मुस्कान पर
गुज़ार दी हैं सदियाँ लम्हों की
अरमां हैं आज भी आसमान पर

अक्सर कई बार आपने ऐसा अवश्य देखा होगा जब कोई व्यक्ति किसी की मुँह पर तो जी भर कर तारीफ़ करता है पर उसकी अनुपस्थिति में उसके पीठ पीछे अनगिनत बुराईयां करता है, और ये सभी शिकायतें इंसान को एकांत में भी सुकून से रहने नहीं देती हैं। ये गवाही इस बात की भी है क्यूंकि जिस स्थान पर हमने अपनी पूरी ज़िन्दगी लगा दी, वहां पर आज भी उमड़ रहे दुःख के बादलों को देख कर भयाक्रांत हो जाते हैं, हमारे हृदय के किसी कोने में आज भी अपने उन लोगों की पीड़ा से उत्पन्न हुए दर्द का अहसास है।

ये करवट बदलते हुए वक़्त की ही आवाज़ है जब आज हम उस नायब हीरे को पाने के लिए रेस में लगे हुए हैं, परन्तु जब वो कोयले का मध्य अपने आपको तराशने के लिए बेइंतेहां संघर्ष कर रहा था, वो भी एक वक़्त था, जिन पर चढ़ कर ना जाने कितनों ने अपने सफ़र का आगाज़ किया होगा और कितनों ने अंत। किन्तु वो तो हीरा है उसे तो एक ना एक दिन चमकना ही था।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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