Diwali Hindi Poem I दीप से दीप जले चहुं ओर

Diwali Hindi Kavita

पर्व दिवाली का बहुत खास हैले लाती खुशहाली चारों ओरक्यों मनाते दिवाली हम सबआओ इस पर कर लें ये गौर। राम प्रभु जब वन से आयेअयोध्यावासी ख़ुशी मनायेसजी अयोध्या दुल्हन जैसीसभी ने घर में दिये जलाये। तब से मना रहा हर कोईदिवाली के इस त्योहार कोजीत हुई है सच की हरदमसंदेश है ये सारे संसार … Read more

चींटी के ऊपर कविता I Cheenti Poem

Cheenti Par Kavita

अनुशासन की ब्रांड अम्बेस्डर होती हैं ये चीटियां कभी न थकती चलती रहतीबेशक नन्हीं सी जान है वोहार न मानो संघर्ष करोइस मंत्र की पहचान है वो निरन्तर अपने दल के संगलम्बी लम्बी कतारें बनातीखाने की मीठी चीजों कोपल भर में चट कर जाती मिलजुल कर रहती हैं वोग़र कोई मुसीबत आतीहोकर संगठित श्रम करतीऔर … Read more

Diwali Hindi Kavita I दीवाली पर हिन्दी कविता

दीवाली पर हिन्दी कविता

श्रीराम प्रभु माँ सीता संग जब  मार के रावण अयोध्या आयेस्वागत में सभी अयोध्यावासीघर-घर में घी के दीये जलाये रंग-बिरंगी सजी हैं लड़ियांघर-आंगन और नगर द्वारचहुं ओर चमक रहे हैं दीपआया खुशियों का त्यौहार है थाल सजी पूरी दीपों सेरंगोली माँ बहना बनाएंगीसुन्दर जलते दीए सजाकरघर आंगन प्रांगण सजाएंगी माँ लक्ष्मी गणेश घर आएंगेसुख समृद्धि … Read more

दशहरा पर हिंदी कविता | Dussehra Poem In Hindi

Dussehra Poem In Hindi

Dussehra Poem In Hindi हर युग में हमेशा ही होती रहीधर्म-अधर्म पाप की लड़ाई हैझूठ जितने भी बदल ले चोले  हावी उसपे रही सदा अच्छाई है   अभिमानी रावण ने छल से  जब माँ सीता का हरण कियाताले पड़ गए उसकी बुद्धि पर    खुद मृत्यु का उसने वरण किया   माँ सीता को लौटाने … Read more

जल प्रदूषण पर हिन्दी कविता | Water Pollution Poem in Hindi

water pollution

Water Pollution Poem in Hindi जल से जुड़ा है आज व कल  है ये वरदायनी अमृत है पानीबिना जल के नहीं है जीवनहो पौधे पत्ते जीव या प्राणी   बह रहा है नदियों का पानीसुखद भविष्य लिए सृष्टि काआज गहराया है संकट इन परनाम ओ निशान नहीं वृष्टि का कूड़ा कचरा फेंक नदियों मेंदूषित मैला … Read more

5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत | criticism shayari in hindi

अजीब इत्तेफ़ाक़ है  जिस शक्स का ख़्याल दिल के आईने में दिखाई देता है शिकायतों की लड़ियां गुफ़्तगू सन्नाटे में सुनाई देता है दहलीज़ गवाही दे रहा पाज़ेब की थिरकती मुस्कान पर गुज़ार दी हैं सदियाँ लम्हों की अरमां हैं आज भी आसमान पर अजीब इत्तेफ़ाक़ है।। अंधेरे को चीरता हुआ चाँद चिराग़ हाथों में … Read more