Motivational Story: Sadhu & Bichchhu Ki kahani

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Motivational Story: परोपकार करना पड़ा भारी, पढ़िए साधु और बिच्छू की कहानी

Motivational Story आख़िर कई बार साधु ने उस बिच्छू की मदद की, किन्तु उस बिच्छू ने बार बार डंक मार कर साधु को परेशान कर दिया। सही कहते हैं लोग, भलाई का ज़माना नहीं रहा।

Motivational Story: परोपकार करना पड़ा भारी, पढ़िए साधु और बिच्छू की कहानी
Motivational Story: परोपकार करना पड़ा भारी, पढ़िए साधु और बिच्छू की कहानी

एक बार की बात है, एक साधु अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में एक नदी के किनारे उन्होंने देखा कि एक बिच्छू नदी की तेज बहाव में बह रही है, वो झट से दौड़कर उसे बाहर निकालने के लिए नदी में हाथ आगे बढ़ाया, वैसे ही बिच्छू ने साधु के हाथ पर डंक मार दी और बिच्छू पानी की धारा में वापस बहने लगा। फिर साधु ने बिच्छू को पानी से बाहर निकालने का प्रयास किया, बिच्छू ने पुनः साधु को डंक मार दिया। ऐसा कई बार हुआ, जब भी साधु बिच्छू को पानी से बाहर निकालने की कोशिश करता, बिच्छू साधु को डंक मार कर पानी के बहाव में बहने लगता। शिष्य ये सब देख रहा था, साधु के हाथों से खून बह रहा था, जहाँ बिच्छू ने कई बार डंक मारा था।

Motivational Story: बिच्छू का स्वभाव
Motivational Story: बिच्छू का स्वभाव

यह सब देख कर अब शिष्य से रहा नहीं गया और बोला- गुरू जी ये बिच्छू आपको बार बार डंक मार रहा है, आपके हाथों से खून भी बह रहा है और आप हैं कि उसे बार बार बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बात मेरी समझ में नहीं आई।
साधु ने मुस्कुराते हुए कहा- हाँ पीड़ा तो बहुत हो रही है, इस बिच्छू के डंक मारने से, पर इसमें बिच्छू की तो कोई गलती नहीं है। दरअसल डंक मारना तो बिच्छू के स्वभाव में है, वो अपना स्वभाव भला कैसे छोड़ सकता है, किन्तु मैं एक साधु हूं और मेरा भी स्वभाव है कि मैं दूसरों की रक्षा करूं, दूसरों को दुःखों से मुक्ति दिलाऊं, भले ही मुझे भी प्राणों का संकट का सामना करना पड़े। मैं भला अपना स्वभाव कैसे छोड़ सकता हूं
अर्थात डंक मारना बिच्छू का स्वभाव है और उसके प्राणों की रक्षा करना मेरा स्वभाव है, वो अपने कर्तव्य और धर्म से पीछे नहीं हट रहा है तो मैं कैसे भला पीछे हट सकता हूं। बस इसी वजह से मैने बिच्छू को पानी में डूबने से बचाया था। शिष्य गुरू जी की बातें सुनकर समझ चुका था कि गुरू जी मुझे इस माध्यम से समझाना चाह रहे हैं कि व्यक्ति को किसी भी कीमत पर अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए।

निष्कर्ष:

चाहे सुख हो या दुःख, जीवन में कैसा भी क्षण आए, प्रत्येक व्यक्ति को अपना स्वभाव नहीं छोड़ना चाहिए।

व्यक्ति को अपना स्वभाव नहीं छोड़ना चाहिए
व्यक्ति को अपना स्वभाव नहीं छोड़ना चाहिए

दीपक कुमार ‘दीप’

परोपकार

कहानियां सदैव एक अतीत से वर्तमान के खूबसूरत पलों को और भी ज्यादा सुखद और संपन्न बनाने के लिए ही लिखी और पढ़ी जाती हैं, इससे व्यक्ति का मनोबल उस कहानी के आधार पर तय होता है, वो अपनी दिशा और दशा दोनों के प्रति उतना ही ज़िम्मेदार होता है। प्रस्तुत कहानी में साधु ने भी परोपकार किया बिच्छू के प्रति अपने मानवीय स्वभाव के कारण, किन्तु उसका परिणाम क्या हुआ? बिच्छू ने अपना स्वभाव नहीं बदला और ना ही साधु ने अपने परोपकार करने के स्वभाव को बदला। किन्तु वर्तमान सन्दर्भ में ये संभव है भी और नहीं भी, ऐसा पॉइंट प्रतिशत ही देखने को मिल सकता है अथवा कभी नहीं। हाँ इससे एक सबक ज़रूर लिया जा सकता है, जिनके स्वभाव में और कर्म में विष भरा हुआ है उस व्यक्ति से सदैव दूर रहें, इससे आप होने वाले नुक्सान से बच जायेंगे।

Motivational Story: परोपकार करना साधु का स्वभाव
Motivational Story: परोपकार करना साधु का स्वभाव

Disclaimer-

Sadhu And Bichchhu Ki kahani (साधु और बिच्छू की कहानी) इस Motivational Story (लेख) का वर्तमान सन्दर्भ में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, ये कहानी प्राचीन धर्मग्रंथों के आधार पर और बड़े बुज़ुर्गों द्वारा कई बार पढ़ी और सुनी गई है, जिसे आप पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। जिसमें बिच्छू का साधु को डंक मारने के बारे में बताया गया है, ये महज एक कहानी मात्र है, इसे हक़ीक़त रूप में करने का कत्तई प्रयास न करें, अन्यथा आप होने वाले उस नुक्सान के प्रति स्वयं ज़िम्मेदार होंगे, लेखक का इससे कोई लेना देना नहीं होगा। आप स्वविवेक से निर्णय लें और कहानी में छिपे सीख को ही अपने जीवन में धारण करें। इसे महज एक कहानी की तरह ही लें।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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