माँ बहुत याद आती हैं | Maa Jaisa Koi Nahin | 1st GOD On Earth | Mother’s Day 11 May | माँ पर कविता

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माँ बहुत याद आती हैं | Maa Jaisa Koi Nahin | 1st GOD On Earth | Mother’s Day 11 May | माँ पर कविता

माँ बहुत याद आती हैं | Mother's Day 11 May | माँ पर कविता
माँ बहुत याद आती हैं | Mother’s Day 11 May | माँ पर कविता

न जाने उनके हाथों में कितनी लज्जत थी

कुछ भी बनाती खाने को तो उंगलियां चाट लेते थे

आज ये बनाना कल वो बना देना कह कर

हम आपस में ही घर का सारा काम बांट लेते थे

खुशी व गम में छलक पड़ते आंसू आंखों से

जैसे भी हों हालात हम खुशी खुशी काट लेते थे

अब न वो आंगन है न आंचल है सूनी दर ओ दीवार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं | Maa Jaisa Koi Nahin | 1st GOD On Earth | Mother's Day 11 May | माँ पर कविता
माँ बहुत याद आती हैं | Maa Jaisa Koi Nahin | 1st GOD On Earth | Mother’s Day 11 May | माँ पर कविता

चमक उठती थी आँखें जब बाहें फैलाकर गले लगाती 

चूम कर मेरी पेशानी मां आप फूले नहीं समाती थी

इंटरव्यू हो या कोई एग्जाम घर से बाहर जब भी जाता

सफल होने के टिप्स देकर तिलक लगा दही खिलाती थी

चोट लगती जब कभी अरे मेरे लाल कहकर न जाने

क्या कुछ नहीं करती गोद में रख कर सर मेरा सहलाती थी

अच्छी नहीं लगती होली दिवाली अब फीका हर त्योहार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं आप बिन तेरे ये सूना संसार है

माँ बहुत याद आती हैं

माँ की कमी जिस बच्चे को है यूँ कहें जिसके सर पर माँ की छाया ना हो, वो ही व्यक्ति इस कमी को बखूबी समझ सकता है, माँ शब्द अपने आप में एक पूरी सृष्टि है, जिसके आगे भगवान भी फीके लगते हैं, ऐसा है दर्ज़ा। मैं अपनी इस कविता के माध्यम से अपनी माँ को श्रद्धांजलि दे रहा हूँ और दुनिया में ऐसे और भी कई लोग हैं जिनकी माँ इस दुनिया में नहीं हैं, उनके लिए भी मेरे ह्रदय में बहुत आदर और सम्मान है, वो भी मेरी इस कविता के माध्यम से अपनी माँ को श्रद्धांजलि अवश्य दें, यदि आपको उचित लगे तो। माँ बहुत याद आती हैं आप, इस याद के साथ जीवन का हर लम्हां, बीत रहा है।

-दीपक कुमार ‘दीप'(Deepak Kumar ‘deep’)

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

TRANSLATE INTO ENGLISH LANGUAGE

I miss my mother a lot | There is no one like Maa | 1st God on Earth | Mother’s Day 11 May | Poem on mother

I don’t know how much taste was there in her hands

Whenever she used to cook anything, we used to lick our fingers

Saying make this today and make that tomorrow

We used to share all the household chores amongst ourselves

Tears used to flow from our eyes in happiness and sorrow

Whatever be the situation, we used to happily face it

Now neither that courtyard is there nor that Aanchal is there, only the doors and walls are empty

Maa I miss you a lot, without you this is a desolate world

My eyes used to sparkle when she used to embrace me with open arms

After kissing my forehead Maa, you were so happy

Whenever I used to go out of the house whether it was an interview or an exam

She used to give me tips to succeed and apply tilak on my forehead and feed me curd

Whenever I used to get hurt, I used to say oh my dear, I don’t know what all she used to do, she used to caress my head by keeping me in her lap

Holi, Diwali doesn’t seem good now every festival is dull

Maa I miss you a lot, without you this is a desolate world

I miss my mother a lot

The child who is missing his mother or the one who does not have her shadow over his head, only that person can understand the absence of a mother very well, the word mother is a complete creation in itself, in front of which even God seems pale, such is the status of a mother. I am paying tribute to my mother through this poem of mine and there are many other people in the world whose mother is not in this world, I have a lot of respect and regard for them too in my heart, they too must pay tribute to their mother through this poem of mine, if you find it appropriate. Mother, I miss you very much, every moment of life is passing with this memory.

-Request to dear readers

How did you like this poem of mine, please tell me by commenting, you must also share it with your friends and relatives, your suggestions are welcome. Your comments will give me a chance to write better and do better. An artist, writer, poet, creator wishes that people appreciate his work and he can share his creation with as many people as possible.

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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