Last updated on November 3rd, 2024 at 08:38 am
भाई दूज, जिसे भैया दूज या भाई तीज भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में मनाया जाने वाला एक विशेष त्योहार है। यह त्योहार भाइयों-बहनों के मध्य एक अटूट प्रेम और संबंध को दर्शाता है।
भाई होवे दीर्घायु मेरा
करती बहना ये कामना
भाई दूज त्योहार प्रेम का
छिपी त्याग की भावना
सजी हैं राहें स्नेह उमंगों
की जिसमें ख़ुशी समायी
धागे बांध तिलक लगा के
प्रेम से मिठाइयां खिलाई
बहन की ममता, भाई का
प्यार, रिश्ते ये अनमोल हैं
सुरक्षा, प्रेम और विश्वास
बस दो प्यारे मीठे बोल हैं
भाई दूज पर देते हैं सभी
भाई बहना को यही वचन
रक्षा कवच मैं ढाल बनूंगा
आये ग़र कोई भी अड़चन
भाई के मज़बूत कन्धों पे
उनकी रक्षा का होता भार
हंसी ख़ुशी रहे जीवन में
लाए खुशियों की ये बहार
है धागों का ये बंधन होता
बस रिश्तों के एहसास का
डोर ना टूटे कभी दिलों के
प्रेम छलके ढृढ़ विश्वास का
स्नेह पवित्रता की ये डोर ही
भाईदूज को है खास बनाती
‘दीप’ तरंगें ये प्रेम की बहती
भाई बहनों को है पास लाती
-दीपक कुमार ‘दीप’
भाई दूज: अटूट रिश्ते का पर्व
भाई दूज, जिसे भाई तीज भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में मनाया जाने वाला एक विशेष त्योहार है। यह त्योहार भाइयों-बहनों के मध्य एक अटूट प्रेम और संबंध को दर्शाता है। यह त्योहार दीपावली पर्व के तीसरे दिन मनाया जाता है और इस दिन भाइयों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। इसका महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि उत्तर भारत में इसे भैया दूज, जबकि महाराष्ट्र में यह भाऊबीज के नाम से जाना जाता है।
इसे मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं। इनमें से एक प्रमुख कथा यमराज और उनकी बहन यमुनाजी की है। कहा जाता है कि यमुनाजी ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाया और उनके लिए विशेष भोजन तैयार किया। यमराज ने अपनी बहन के प्रेम को देखते हुए यह वचन दिया कि जो बहन अपने भाइयों के लिए इस दिन तिलक करेगी, उसकी उम्र लंबी होगी।
सोशल मीडिया के दौर में परंपराएँ बदल रही हैं, लेकिन इसका महत्व अभी भी बरकरार है। अब बहनें दूर-दूर से अपने भाइयों के पास जाकर या वीडियो कॉल के माध्यम से इस पर्व को मनाने लगी हैं। सोशल मीडिया के ज़रिए शुभकामनाएँ साझा करना भी एक नया चलन बन चुका है।
परंपरा
आज के दिन बहनें अपने भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित करती हैं और उन्हें खास पकवानों से तृप्त करती हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बाद भाइयों से उपहार पा कर बहनें प्रसन्न हो जाती और उनकी सुरक्षा और खुशहाली का वचन भी देते हैं।
यह दिन परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और एकता को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष भोजन तैयार करती हैं, जिसमें मिठाइयाँ, स्नैक्स और अन्य व्यंजन शामिल होते हैं। ये त्योहार खुशियाँ बांटने का अवसर तो देता ही है साथ ही साथ लोग एक दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बांटते हैं और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं।
निष्कर्ष
यह केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह रिश्तों की अहमियत को समझाने वाला एक अवसर है। यह त्योहार प्रेम को मजबूत बनाने और परिवार के साथ एकजुटता को बढ़ावा देने का पर्व है। चाहे समय बदल जाए, इसका संदेश हमेशा एक सा रहेगा—परिवार का प्यार और एक-दूसरे के लिए समर्पण। इस दिन हम अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाने का संकल्प लेते हैं और अपने प्रियजनों के साथ इस त्योहार का आनंद लेते हैं।
भैया दूज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ!
-प्रिय पाठकों से निवेदन
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