Last updated on November 24th, 2024 at 10:23 am
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान | 1 GOD | ईश्वर सर्वशक्तिमान है, पूरी सृष्टि को एक प्रभु परमात्मा ने ही रचा है, फिर चाहे वो सूर्य, चन्द्रमा , ग्रह, नक्षत्र, नदियां, पेड़-पौधे हों। भगवान की कृपा ही है जो सब कुछ सहज तरीके से चल रहा है। परमात्मा ही सर्वशक्तिमान है।
नदी पहाड़ सागर और झरने
दूर तक फैले खेत खलिहान
जो कुछ भी है नज़र आ रहा
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
हवा अग्नि पानी और धरती
सूरज चंदा सितारे आसमान
ग्रह नक्षत्र गैलेक्सी ये आवाज़
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
वन उपवन जंगल झाड़ियां
झील झरनों की सुरीली तान
पशु पक्षियों की भाग दौड़ भी
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
दुःख सुख जीवन मरण छांव
धूप दिन रात व सांझ विहान
सर्दी गर्मी वर्षा भूकम्प सूखा
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
सांप बिच्छू कीड़े कीट पतंगे
मछली मगरमच्छ वज्र समान
जल थल नभ पाताल तलक
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
बल बुद्धि विद्या धैर्य धन धर्म
ये जीव आत्मा पण्डित विद्वान
‘दीप’ सृष्टि का एक एक कण
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
-दीपक कुमार ‘दीप'(Deepak Kumar ‘deep’)
सब तुम्हीं ने रचा है भगवान
पूरी सृष्टि को एक प्रभु परमात्मा ने ही रचा है, फिर चाहे वो सूर्य, चन्द्रमा , ग्रह, नक्षत्र, नदियां, पेड़-पौधे हों। भगवान की कृपा ही है जो सब कुछ सहज तरीके से चल रहा है। परमात्मा ही सर्वशक्तिमान है।
सर्वशक्तिमान ईश्वर
सर्वशक्तिमान ईश्वर एक ऐसी अद्वितीय शक्ति है जो सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करता है। जो निराकार और सर्वव्यापक है, जिसका कोई अंत नहीं है। ईश्वर के अस्तित्व से हमें जीवन का उद्देश्य, शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। हम ईश्वर की कृपा से ही समृद्ध और सुखी होते हैं। कोई भी शक्ति प्रभु परमात्मा से बड़ी नहीं है, ईश्वर ही सब कुछ करने वाला है, मनुष्य और या साडी प्रकृति परमात्मा के आदेश पर ही कार्य करते हैं।
-प्रिय पाठकों से निवेदन
आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।
TRANSLATION INTO ENGLISH LANGUAGE
Rivers, mountains, oceans and waterfalls
Farms and barns spread far and wide
Whatever is visible
All is created by you, O Lord
Wind, fire, water and earth
Sun, moon, stars, sky
Planets, constellations, galaxies, this sound
All is created by you, O Lord
Forests, gardens, jungles, bushes
The melodious tune of lakes and waterfalls
Even the running around of animals and birds
All is created by you, O Lord
Sorrow, happiness, life, death, shade
Sunshine, day, night and evening, morning
Winter, summer, rain, earthquake, drought
All is created by you, O Lord
Snakes, scorpions, insects, moths
Fish, crocodiles like thunderbolts
Water, land, sky, till the underworld
All is created by you, O Lord
Strength, intelligence, knowledge, patience, wealth, religion
These living beings, souls, scholars, learned people
‘Deep’, each particle of the universe
All is created by you, O Lord
You have created everything, O God.
The whole universe has been created by one God, be it the sun, moon, planets, stars, rivers, trees and plants. It is only due to God’s grace that everything is running smoothly. God is the Almighty.
Almighty God
Almighty God is such a unique power that creates, nurtures and destroys the universe. He is formless and omnipresent, who has no end. Due to the existence of God, we get the purpose of life, peace and blessings. We are prosperous and happy only by the grace of God. No power is greater than the Lord God, God is the doer of everything, man and the whole nature work only on the orders of God.
-Request to dear readers
How did you like this poem of mine, please tell me by commenting, you must also share it with your friends and relatives, your suggestions are welcome. Your comments will give me a chance to write better and do better. An artist, writer, poet, creator wishes that people appreciate his work and he can share his creation with as many people as possible.
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