भारत देश की बढ़ती उपलब्धियों पर हिंदी कविता | Bharat Desh Hamara

0 0
Read Time:8 Minute, 46 Second


सारे जहां से न्यारा अपना भारत देश हमारा 
इस धरती का कण कण हमें है जान से प्यारा
तीन रंगों से सजा हुआ राष्ट्रीय तिरंगा है न्यारा
आसमान में शान से लहराता तिरंगा ये प्यारा

बहती जहां अनगिनत निर्मल पावन नदियां 
अलग है पहनावा सबका भिन्न भिन्न है बोली 
अलग अलग त्योहार हैं फिर भी मनाते हम 
मिलकर वैशाखी ओणम दीवाली और होली

सारे जहां से न्यारा अपना भारत देश हमारा 
सारे जहां से न्यारा अपना भारत देश हमारा 

गर्व हमें है अपने अद्भुत संस्कार संस्कृति पर
जहां बड़ों का आदर होता व छोटे का सम्मान
भगत सिंह चंद्रशेखर सुभाष सुखदेव राजगुरु
जैसे देशभक्त हुए चाणक्य जैसा मर्मज्ञ विद्वान 

जहां जन्में आर्यभट्ट रामानुज जैसे गणितज्ञ हुए 
आयुर्वेद बनी संजीवनी अनगिनत उद्धार किया
साहित्य कला सुर संगीत साधना और शिक्षा ने
बढ़ाई देश की गरिमा प्रगति का संचार किया

आत्मनिर्भरता की राह में देश ये प्रगति पथ पर
धरती क्या अंतरिक्ष में अपना परचम लहराया
आपदा विपदा में फंसे हुए देशाें क्या विदेशों को 
वैक्सीन, दवाइयां और राहत सामग्री भी पहुंचाया

Bharat Desh Hamara Poem
Bharat Desh Hamara Poem

विदेशी सरकार और कंपनियां रिश्ता जोड़ रहे
पूरी दुनिया में भारत देश का डंका बज रहा है 
मैं क्यूं न गर्व करूं राष्ट्र पे अपने ‘दीप’ जहां ये
समृद्ध सशक्त संग नया कीर्तिमान रच रहा है

-दीपक कुमार ‘दीप’

अद्वितीय संप्रभुता का प्रतीक: भारत देश

भारत देश की अद्भुत संस्कृति और विविधता का अनोखा चित्रण प्रस्तुत करती हुई ये पंक्तियां “सारे जहां से न्यारा, अपना भारत देश हमारा” अपने आप में देश की हज़ारों करोड़ो साल पुरानी विरासत का जीता जागता उदाहरण देती है। इस महान धरती का एक एक कोना एक एक कण हमें जान से प्यारा है, हमारे लिए केवल ये कोई एक भू-भाग नहीं, बल्कि यह हमारी पहचान और अस्तित्व का कभी न ख़त्म होने वाला अभिन्न हिस्सा है। आसमान में शान से लहराता हुआ राष्ट्रीय तिरंगा हमारे गौरव का प्रतीक ही नहीं इस देश की स्वतंत्रता और एकता का अनुभव कराते हैं।

विविधता में एकता

भारत की अनगिनत विशेषता ही इसकी विविधता है। यहां अनगिनत निर्मल पावन नदियां बहती हैं, हर क्षेत्र का अपना एक विशिष्ट पहनावा, खान पान और हर क्षेत्र की एक बोली है जो भिन्न भिन्न होते हुए भी उनका भाव एक है, वो सभी इस देश की अखंडता और एकता के लिए स्वयं को समर्पित करती है। चाहे त्योहार हों या रीति-रिवाज, हम सभी लोग मिलजुल कर मनाते हैं—वैशाखी, ओणम, दीवाली और होली जैसे त्योहार हमारे एकजुटता का प्रतीक हैं। बड़ों का आदर और छोटे का सम्मान हमारे देश ने सदैव किया है, क्यूंकि हमारी संस्कृति और संस्कार औरों से अलग हैं, हमने किसी भी देश का कभी अहित नहीं किया, जब तक कोई सामने से आ कर हमें युद्ध के लिए चुनौती ना दी हो।

विविधता में एकता
विविधता में एकता

संस्कृति और संस्कार

देश के प्रति समर्पण क्या होता है ये हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी जैसे- भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव और राजगुरु ने हमें सिखाया। चाणक्य जैसे मर्मज्ञ विद्वान ने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी हमें दिशा दिखाई।

ज्ञान और विज्ञान का केंद्र

भारत का सम्पूर्ण इतिहास गणितज्ञ आर्यभट्ट और रामानुज जैसे महान वैज्ञानिकों से भरा हुआ है। आयुर्वेद, जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपनी विशेष पहचान बना चुका है, अनगिनत लोगों का उद्धार कर चुका है। साहित्य, कला, संगीत, और शिक्षा ने हमारे देश की गरिमा बढ़ाई है, और इन्हीं के माध्यम से हमने प्रगति की राह पकड़ी है।

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम

कोरोना काल में हमने ये जाना कि हमारे देश के अन्दर कितनी क्षमता और अपार प्रतिभा है। आज, भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। फिर चाहे वो धरती हो या अंतरिक्ष, भारत ने हर क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कोरोना महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया संकट में थी हर ओर लाशों के ढेर लगे हुए थे, सम्पूर्ण विश्व इस भीषण त्रासदी की मार झेल रहा था, उस समय हमारे देश ने न सिर्फ कोरोना की वैक्सीन बनाई बल्कि, भारत ने अन्य देशों को भी वैक्सीन, दवाइयां और राहत सामग्री भेजकर मानवता की सेवा एवं उनके प्राणों की रक्षा की। यह एक ऐसा उदाहरण है जो हमारी सहिष्णुता और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर
भारत तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर

वैश्विक मंच पर भारत की पैठ

आज विदेशी सरकारें और विदेशी कंपनियां भारत के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर अपने उधोगों को नए आयाम देना चाहती है, शीर्ष संबंध बढ़ा कर अपनी अर्थव्यवस्था को रॉकेट बना रही हैं। हमारी ताकत और स्थिरता ने पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है। यह एक ऐसा समय है जब हमें गर्व है कि हम एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का हिस्सा हैं।

निष्कर्ष

विविधता में एकता और संस्कृति का समन्वय वाला अद्भुत ये देश हमें पुरातन इतिहास, संस्कृति और वर्तमान की उपलब्धियों पर गर्व कराता है। आज जब हम अपने देश की तरफ देखते हैं, तो गर्व से कहते हैं, “भारत देश हमारा है!”

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

आप इसे भी देख सकते हैं-

दीवाली पर हिन्दी कविता

गोवर्धन पूजा हिन्दी कविता

पेड़ लगाएं पर्यावरण बचाएं

वायु प्रदूषण पर हिन्दी कविता

जल प्रदूषण पर कविता

समय की ताकत

5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत

चींटी के ऊपर कविता

बसंत ऋतु पर कविता

भारत हमें जान से प्यारा

रतन टाटा पर कविता

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता

महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हिन्दी कविता

रिश्तों की अहमियत

एक जिंदा शहर हूं मैं

करवा चौथ चांद की चांदनी में

About Post Author

chaturpandit.com

दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Comment