नेताजी का मोबाइल चार्जर | हास्य कविता | Humorous Poetry

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नेताजी निकले घर से कर मोबाइल की बैटरी फुल
संसद जाने की खुशी में वो चार्जर गए घर भूल
सरपट हो गए रवाना, रास्ते की खाते हुए धूल
जैसे ही घर पहुँचे, अचानक हुई बिजली गुल

Neta ji Humorous Poetry
Neta ji Humorous Poetry

तिलमिला उठे नेताजी नौकरों पर खूब बरसने लगे
नौकरों से मिली फुरसत तो बीवी पर ही गरजने लगे
चिल्ला कर बैठ गया गला तो पानी को तरसने लगे
अपनी ही आग में जलकर दर्द के मारे कहरने लगे

बेसुध होकर भागने लगे नेताजी इधर उधर
पर नही मिल पाई चार्जर की कहीं कोई ख़बर
टेंशन के मारे दिमाग का उनके गिर गया शटर
ना जाने क्या मन ही मन बोलने लगे अटर पटर

जैसे तैसे बेमन से पहुँच गए वो संसद भवन
अपनी सीट पर जा बैठे करके सभी को नमन
बेचैन बेचारे परेशान पर वहां भी लगा न मन
इसी दुःख में बैठे रहे, हो कर बिल्कुल मगन

नेता जी का भाषण
नेता जी का भाषण

भाषण देने की थी अब, संसद में उनकी बारी
आये थे घर से नेताजी अपनी कर पूरी तैयारी
ज्यों ही पहुंचे मंच पर लेकर वो अपना पेपर
चार्जर की याद में उनका मूड हो गया हैंपर

मंच से फोन और चार्जर की कथा सुनाने लगे
बेसुध अपने भाषण में मंद मंद मुस्काने लगे
सुनकर सारे दल वाले खूब ठहाके लगाने लगे
आकर मंच पर नेता जी को नींद से जगाने लगे

क्या हो गया है भाई तुमको, ये क्या सुना रहे हो
बिना मतलब वाले मसले यहां क्यों गुनगुना रहे हो

किसानों की नुकसान फसल पर था तुम्हारा विचार
यहां कर लगे बांचने तुम दही पापड़ चटनी आचार
सरकार बनाने न देंगे विपक्षी दल दे अपना वोट उधार
था एक मौका उसका भी तुमने कर दिया बेड़ा पार

नेताजी का चार्जर
नेताजी का चार्जर

चलो घर चलते हैं पहले तुम्हारी चार्जर का पता लगाएं
भूख लगी है इसी बहाने चलो तुम्हारे घर खा कर आएं
सिकुड़ गया मुँह नेताजी का कहाँ से आई ऐसी बलाएँ
घर पर काम बहुत है कहकर नेताजी उनसे पीछा छुड़ाए

आखिर पहुंचकर घर नेताजी ने खोली अपनी आलमारी
मंडरा रही थी सर पर जो दिन भर से चार्जर की बीमारी
झटपट टूट पड़े ऐसे उस बेजान पर बनकर एक शिकारी
लेकर खुश हुए ऐसे जैसे कोई खजाना हाथ लगा हो भारी

चार्जर बिना मोबाइल किस काम का आज ये ज्ञात हुआ
यह कह कर न निकाला करें चार्जर बस अब पर्याप्त हुआ
चर्चा ए बाज़ार दूर दूर तक नेताजी के नाम से विख्यात हुआ
मोबाइल एंड चार्जर की कथा का ऐसे अध्याय समाप्त हुआ।।

दीपक कुमार ‘दीप’

नेताजी का चार्जर

मोबाइल, आज के युग का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण लगने वाली वस्तुओं में से एक है। “नेताजी का चार्जर” शीर्षक मात्र एक सम्बोधन हेतु है, इसके माध्यम से मैं मोबाइल और उसके चार्जर की उपयोगिता के बारे में हास्य अंदाज़ में बताने का प्रयास किया है, मेरा व्यक्तिगत रूप से नेता जी को ही इस पात्र के रूप में चुनने के पीछे एकमात्र कारण बस अपनी कविता की अभिव्यक्ति है और कुछ नहीं।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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