दीवाली | Diwali Hindi Kavita 2024 | आओ दीवाली मनाते

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Last updated on November 26th, 2024 at 05:15 pm

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दीवाली | Diwali Hindi Kavita 2024 | आओ दीवाली मनाते

श्रीराम प्रभु माँ सीता संग जब  
मार के रावण अयोध्या आये
स्वागत में सभी अयोध्यावासी
घर-घर में घी के दीये जलाये

Diwali Hindi Kavita
Diwali Hindi Kavita

रंग-बिरंगी सजी हैं लड़ियां
घर-आंगन और नगर द्वार
चहुं ओर चमक रहे हैं दीप
आया खुशियों का त्यौहार

है थाल सजी पूरी दीपों से
रंगोली माँ बहना बनाएंगी
सुन्दर जलते दीए सजाकर
घर आंगन प्रांगण सजाएंगी

दीवाली पर हिन्दी कविता
दीवाली पर हिन्दी कविता

माँ लक्ष्मी गणेश घर आएंगे
सुख समृद्धि घर घर आएगी
हर्षित तन मन होगा सबका
दुःख दरिद्रता मिट जाएगी

स्नेह उमंग हृदय में भर कर
मन मंदिर में उजियारा लाएं
श्रृंगार समर्पण हो कर प्रभु के
चरणों में हम ये शीश झुकाएं

अनार फुलझड़ियों की धूम
मिठाइयां बनाते और खिलाते
‘दीप’ धूम धड़ाके की बेला में
मिलकर आओ दीवाली मनाते


-दीपक कुमार ‘दीप’

सारांश

दीवाली क्या है, इसे क्यों मनाते हैं?

भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहारों में से एक दीपावली, जिसे दीवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से हिंदू धर्म से सम्बन्धित है, लेकिन अन्य धर्मों के लोग भी इसे उत्साहपूर्वक मनाते हैं। दीपावली का अर्थ है “दीपों की पंक्ति“, यह अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है।

दीपावली का ऐतिहासिक महत्व

भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब उन्होंने रावण का वध कर 14 वर्षों का वनवास समाप्त किया। इसी दिन अयोध्यावासियों ने खुशी से दीप जलाकर उनका स्वागत किया।

इसके अलावा, यह पर्व मां लक्ष्मी के पूजन के लिए भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों में सुख, समृद्धि, और धन का संचार करती हैं।

दीपावली से पहले, लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और उन्हें सजाते हैं। घरों को रंग-बिरंगे लाइट्स, फूल, और रंगोली से सजाया जाता है। महिलाएं विशेष पकवान बनाती हैं। बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ जाती है, जहां लोग नए कपड़े और मिठाइयाँ खरीदते हैं।

आओ दीवाली मनाते
आओ दीवाली मनाते

दीपावली की रात, परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं। पूजा के लिए एक थाल सजाया जाता है, जिसमें दीपक, मिठाई, फल, और फूल होते हैं। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, उसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद, दीप जलाए जाते हैं और घर में खुशी का वातावरण बन जाता है।

दीपावली सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बांटते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, और परिवार के साथ समय बिताते हैं। यह पर्व समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देता है।

निष्कर्ष

दीपावली का पर्व अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का, बुराई पर अच्छाई की विजय का और समृद्धि की कामना का प्रतीक है। यह पर्व न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि समाज में भी एकता और भाईचारे का संदेश देता है। इसे मनाते समय हम न केवल अपने घरों को रोशन करते हैं, बल्कि अपने दिलों को भी प्रेम और खुशी से भरते हैं। दीपावली का यह त्योहार हमें सकारात्मकता, समर्पण, और एकता की भावना से भर देता है।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

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About Post Author

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दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
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