दशहरा पर हिंदी कविता | Dussehra Poem In Hindi

0 0

Last updated on November 16th, 2024 at 11:34 pm

Read Time:5 Minute, 41 Second

दशहरा, हिन्दू त्यौहारों में से एक प्रमुख पर्व है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। Dussehra Poem In Hindi

हर युग में हमेशा ही होती रही
धर्म-अधर्म पाप की लड़ाई है
झूठ जितने भी बदल ले चोले  
हावी उसपे रही सदा अच्छाई है  

अभिमानी रावण ने छल से  
जब माँ सीता का हरण किया
ताले पड़ गए उसकी बुद्धि पर    
खुद मृत्यु का उसने वरण किया  

Dussehra Poem In Hindi
Dussehra Poem In Hindi

माँ सीता को लौटाने हेतु राम ने  
रावण से अनगिनत प्रयास किया
अंगद हनुमान को भी भेजा पर
रावण ने उनका ही उपहास किया

धर्म और सत्य हार नहीं सकता
चाहे जितना हो कोई बाहुबली
एक छोटी सी गलती के कारण  
दशानन रावण की लंका जली

इतने पर भी समझा नहीं वो
गवांये सवा लाख पोते नाती
कुल में कोई बच न सका जो
करे रावण के घर दिया बाती

दशहरा पर्व हमें यही सिखाता
सोचें जब भी सदा सोचें भला
न बुरा करें हम कभी किसी का  
‘दीप’ जीवन जीने की यही कला

दशहरा पर हिंदी कविता
दशहरा पर कविता


-दीपक कुमार ‘दीप’

सारांश:

दशहरा: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है I

दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, वैसे तो भारत देश अनेकानेक परम्पराओं और रीति रिवाज़ों से जुड़ा हुआ है, दशहरा, हिन्दू त्यौहारों में से एक प्रमुख पर्व है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसे हर साल अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इसी क्रम में नौ दिनों तक दुर्गा पूजा भी बड़े धूम धाम से कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है, दशहरा देवी दुर्गा की पूजा का भी महत्व रखता है। यह इस दिन देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने की स्मृति में मनाया जाता है।

दशहरा पर्व की सीख यही है कि ये दिन हमें दिखावे से परे जाकर मन की शांति देता है, सत्य और धर्म के मार्ग पर ले कर जाता है। जब जब बुराई पर अच्छाई हावी हुई है, सत्य की हमेशा ही जीत हुई है, हमें भी बुराई का त्याग कर के सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए।

रावण दहन हर साल दशहरे पर मनाया जाता है, जब बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है। इस अवसर पर भव्य पंडाल सजाए जाते हैं और विशाल रावण के पुतले को जलाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण संस्कृति का हिस्सा है, जो एकता, भाईचारे और सकारात्मकता का संदेश देता है। आओ, मिलकर इस उत्सव को मनाएं और अपने अंदर के रावण को जलाएं!

जब जब बुराई पर अच्छाई हावी हुई है, सत्य की हमेशा ही जीत हुई है, हमें भी बुराई का त्याग कर के सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलना चाहिए।

-प्रिय पाठकों से निवेदन

आपको मेरी ये कविता दशहरा: dussehra kavita in hindi कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।

आप इसे भी देख सकते हैं-

नव वर्ष कविता: नया साल हो उज्जवल और मंगलकारी

कैसे स्वस्थ रहें हम

मीकू बन्दर की सूझ बूझ

पंडित जी की कहानी

छठ पर्व की बेला है- बेहतरीन कविता

दीवाली पर हिन्दी कविता

गोवर्धन पूजा हिन्दी कविता

पेड़ लगाएं पर्यावरण बचाएं

वायु प्रदूषण पर हिन्दी कविता

जल प्रदूषण पर कविता

समय की ताकत

5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत

चींटी के ऊपर कविता

बसंत ऋतु पर कविता

भारत हमें जान से प्यारा

रतन टाटा पर कविता

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता

महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हिन्दी कविता

रिश्तों की अहमियत

करवा चौथ चांद की चांदनी में

एक ज़िंदा शहर हूँ मैं

Motivational Hindi Kavita: कर्म के पथ पर

Motivational Story: साधु और बिच्छू की कहानी

Motivational Story: दायित्व का बोझ

Veer Bal Diwas Poem

ग़ज़ल: बिन तेरे प्रभु

बलात्कार vs ज़िन्दा लाश

बुज़ुर्गों की कंपकंपाती आवाज़ से

अहंकार का मारा इंसान बेचारा

दशहरा हिंदी कविता: फिर भी रावण जला नहीं

About Post Author

chaturpandit.com

दीपक कुमार 'दीप' http://chaturpandit.com वेबसाइट के ओनर हैं, पेशे से वीडियो एडिटर, कई संस्थानों में सफलतापूर्वक कार्य किया है। लगभग 20 वर्षों से कविता, कहानियों, ग़ज़लों, गीतों में काफी गहरी रूचि है। समस्त लेखन कार्य मेरे द्वारा ही लिखे गए हैं। मूल रूप से मेरा लक्ष्य, समाज में बेहतर और उच्च आदर्शों वाली शिक्षाप्रद कविता , कहानियां, लेख पहुंचाना है। आप सभी का सहयोग अपेक्षित है।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

6 thoughts on “दशहरा पर हिंदी कविता | Dussehra Poem In Hindi

Leave a Comment