गर्मी का प्रकोप | गर्मी पर कविता short | Best Poem on Summer Season 2025 | Grishm ritu par kavita
सूरज ने डाला अब अपना डेरा
गर्मी ने भी आ कर सबको घेरा
कल तक थी जो छटा निराली
झुलस गई वो सारी हरियाली
धूप झेलना सभी पर पड़े भारी
लगती है छाया सभी को प्यारी
पशु पक्षी भी गर्मी से हुए बेहाल
प्यास से हुआ बुरा उनका हाल
सुकुन मिलता जब रात होती
चांद तारों से अपनी बात होती
जब जब बिजली गुल हो जाती
निंदिया रानी हमें खूब सताती
चले ठण्डी-ठण्डी प्यारी हवाएं
‘दीप’ चैन मिला गर्मी से सो जाएं
-दीपक कुमार ‘दीप'(Deepak Kumar ‘deep’)
गर्मी का प्रकोप
प्रकृति जहाँ अपने साथ खुशहाली लाती है वहीं दूसरी ओर प्रकोप भी लाती है। सर्दी और बारिश के कहर के साथ साथ गर्मी का प्रकोप भी सामान्य जन-जीवन के साथ साथ पेड़ पौधे, नदियों को भी प्रभावित करता है। जिससे हर तरफ गर्मी हाहाकार कहें या गर्मी का प्रकोप देखने को मिलता है।
ईश्वर ने सारी सृष्टि को मनुष्य ही नहीं बल्कि जीव, जंतु, पेड़, पौधे, पहाड़, नदी, सागर, झरने, ग्रह, नक्षत्र और भी बहुत कुछ के अनुकूल बनाया है। इसलिए हमें मौसम में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं, कभी गर्मी, कभी सर्दी तो कभी बारिश। इन तीनों ही मौसम में प्रकृति का हमें अलग अलग रूप देखने को मिलता है। किन्तु किन्हीं कारणों से प्रकृति के इस बदलाव में किंचित मात्र भी इंसानों की दखलंदाजी होती है तो प्रकृति भी अपना विध्वंसकारी प्रभाव दिखलाती है।
गर्मी का मौसम एक ऐसा मौसम आता है साल में चार महीने के लिए, जिसमें हर आदमी इसके प्रकोप से लाचार, हताश, परेशान और दुःखी हो जाता है, लेकिन जैसे ही उसे किसी भी प्रकार से शरीर को थोड़ी सी भी राहत मिलती है, वो वैसे ही खुद को बहुत सुखी पाता है। कारण सिर्फ एक है गर्मी के मौसम की चिलचिलाती धूप से बढ़ने वाली उष्णता। जिसकी वजह से धूप, लू और भीषण गर्मी बढ़ जाती है, जिससे हर किसी का सामान्य लगने वाला जीवन अत्यंत दुष्कर हो जाता है।
-प्रिय पाठकों से निवेदन
आपको मेरी ये कविता कैसी लगी, कृप्या कमेंट करके ज़रूर बताएं, आप अपने दोस्तों, सगे सम्बन्धियों को भी अवश्य शेयर करें, आपके सुझाव का स्वागत है। आपके कमेंट से मुझे और बेहतर लिखने और अच्छा करने का मौका मिलेगा। एक कलाकार, लेखक, कवि, रचनाकार की यही इच्छा होती है कि लोग उसके किए कार्यों को सराहें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो अपनी रचना शेयर कर सके।
आप इसे भी देख सकते हैं-
ओकायो की दृढ़ इच्छा शक्ति की सच्ची कहानी
ज्ञान-विज्ञान प्रश्नोत्तरी | CHAPTER-3
छठ पर्व की बेला है- बेहतरीन कविता
5 बातें बढ़ा देंगी आपके लाइफ की कीमत
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर हिन्दी कविता
TRANSLATION INTO ENGLISH LANGUAGE
The outbreak of heat | Short poem on heat | Best Poem on Summer Season 2025
The sun has now set up its camp
The heat has also come and surrounded everyone
The beauty that was unique till yesterday
All that greenery has been scorched
It is difficult for everyone to bear the sun
Shade seems to be loved by everyone
Animals and birds are also suffering from the heat
Their condition is bad due to thirst
We get peace when it is night
We talk to the moon and stars
Whenever the power goes off
The queen of sleep torments us a lot
Let the cool and sweet winds blow
‘Deep’, let’s get peace from the heat and sleep
The outbreak of heat
While nature brings happiness with it, on the other hand it also brings wrath. Along with the havoc of winter and rain, the outbreak of heat also affects the normal life as well as trees, plants, rivers. Due to which we can see the heat havoc or the outbreak of heat everywhere.
God has made the entire world suitable not only for humans but also for animals, trees, plants, mountains, rivers, seas, waterfalls, planets, stars and many more. That is why we get to see many types of changes in the weather, sometimes summer, sometimes winter and sometimes rain. We get to see different forms of nature in all these three seasons. But due to some reasons, if there is even a slight interference of humans in this change of nature, then nature also shows its destructive effect.
Summer season is such a season that comes for four months in a year, in which every person becomes helpless, frustrated, troubled and sad due to its wrath, but as soon as he gets even a little relief to his body in any way, he finds himself very happy. The reason is only one, the heat increasing due to the scorching sun of the summer season. Due to which the sun, heat wave and severe heat increases, due to which everyone’s normal life becomes extremely difficult.
-Request to dear readers
How did you like this poem of mine, please tell me by commenting, you must also share it with your friends and relatives, your suggestions are welcome. Your comments will give me a chance to write better and do better. An artist, writer, poet, creator wishes that people appreciate his work and he can share his creation with as many people as possible.
Average Rating